DOHA 229
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय।
MEANING
कबीर दास जी कहते हैं कि मैं सारा जीवन दूसरों की बुराइयां देखने में लगा रहा लेकिन जब मैंने खुद अपने मन में झाँक कर देखा तो पाया कि मुझसे बुरा कोई इंसान नहीं है। मैं ही सबसे स्वार्थी और बुरा हूँ अर्थ सहित व्याख्याात हम लोग दूसरों की बुराइयां बहुत देखते हैं लेकिन अगर आप खुद के अंदर झाँक कर देखें तो पाएंगे कि हमसे बुरा कोई इंसान नहीं है।